Vyayam par nibandh | व्यायाम पर निबंध

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व्यायाम शब्द ‘वि’ उपसर्ग के साथ आयाम शब्द लगाने से बना है. जिसका सामान्य अर्थ विशेष फैलाव है. अतः व्यायाम वह क्रिया है जिसके द्वारा हमारे अंग-प्रत्यंग में विशेष वृद्धि हो. आधुनिक युग में व्यायाम शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अति आवश्यक है और माना जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है

व्यायाम के प्रकार

आज के समय में व्यायाम के लिए विभिन्न मशीनों और उपकरणों की सहायता ली जाती है जिससे व्यायाम की शैली और रूपरेखा दोनों बदल गई है। लेकिन व्यायाम की शुरुआत प्राचीन काल में योग और प्राणायाम से ही हुई थी।

प्राचीन काल से योग और खेल को ही व्यायाम का एकमात्र साधन माना जाता था लेकिन समय के साथ व्यायाम के और भी रूप-प्रतिरूप सामने आते गए जो निम्न है।

व्यायाम के मुख्य प्रकारों में आयसोटोनिक, आयसोमट्रिक ,आयसोमेट्रिक और आयसोटोनिक, एनरोबिक्स (शीघ्र व्यायाम), एरोबिक्स (दमसांस वाले व्यायाम), चलना, खेल इत्यादि को शामिल किया जाता है।

जिन कसरतों में हलचल ज्यादा होती है उसे आइसोटोनिक प्रकार के व्यायाम कहते हैं जैसे कि साइकल चलाना, तैरना, दौड़ना इत्यादि।

जब शरीर के द्वारा बल लगाकर किसी चीज को उठाया जाता है या धक्का लगाया जाता है जिसमें गतिशीलता नहीं होती है बल्कि ताकत लगती है उसे आइसोमेट्रिक प्रकार का व्यायाम कहते हैं। जैसे जिम में डंबल उठाना इत्यादि

जिस प्रकार के व्यायाम में गतिशीलता के साथ वजन उठाने को भी शामिल किया जाता है उसे आइसोटोनिक तथा आइसोमेट्रिक मिक्स प्रकार का व्यायाम कहते हैं। ऐसे प्रकार के व्यायाम को एक निश्चित अंतराल पर किया जाता है उसे एनरोबिक्स प्रकार के व्यायाम कहते हैं जैसे कबड्डी, 200 मीटर रेस इत्यादि।

जिन व्यायाम में शरीर की तनन क्षमता, मजबूती और गतिशीलता तीनों का उपयोग होता है उसे एरोबिक्स कहते हैं। कुछ खास प्रकार के व्यायाम के साथ तेज दौड़ना, ऊंची कूद, लंबी कूद, टेनिस जैसे खेलों को इनमें शामिल किया जाता है।

व्यायाम का महत्व

हमारे दैनिक जीवन में व्यायाम का विशेष महत्व है. मनुष्य का शरीर एक यंत्र है. यदि आप यंत्र को बेकार छोड़ दें, तो उसके पुर्जों में जंग लग जाएगा और कुछ दिनों के बाद उसके सारे पुर्जे व्यर्थ हो जायेंगे. जिस यंत्र से अत्यधिक उत्पादन किया जा सकता है वह यंत्र भार स्वरूप हो जायेगा. यही हाल हमारे शरीर का है

यदि हम अपने अंगों का संचालन न करें, तो हमारे अंगों का समुचित विकास नहीं होगा क्रमशः हमारी शक्ति क्षीण होती जाएगी और हमारा शरीर ‘आनन्द-निकेतन’ न रहकर ‘व्याधि-मन्दिर’ बन जाएगा

मनुष्य अपना भाग्यविधाता स्वयं है. वह सक्रिय रहे तो अपनी बलिष्ठ भुजाओं के बल पर संसार में विजय का डंका बजा सकता है. यदि निष्क्रिय रहे तो यक्ष्माग्रस्त होकर, खाट पर पड़े-पड़े मृत्यु की घड़ियाँ गिन सकता है. वसुन्धरा वीर भोग्या है और वीर बनने के लिए व्यायाम आवश्यक है. दिनकरजी ने ठीक ही कहा है –

पत्थर-सी हों मांसपेशियाँ
लोहे-से भुजदण्ड अभय
नस-नस में हो लहर आग की
तभी जवानी पाती जय

जो विद्यार्थी यह समझते हैं कि व्यायाम में समय नष्ट होता है वे भारी भूल में है. आधुनिक भारत के निर्माता कर्मयोगी विवेकानन्द ने लिखा है- ओ मेरे मित्र, यदि तुम गीता समझना चाहते हो तो पहले फुटबॉल खेलो. यदि तुम ठीक ढंग से फुटबॉल नहीं खेल सकते हो तो याद रखो कि गीता क़ा मर्म तुम नहीं समझ सकते

व्यायाम के नियम

किसी भी चीज से सटीक लाभ लेने के लिए उसके नियमों का पालन करना पड़ता है तथा सावधानियों की समझ भी रखनी होती है। व्यायाम करने के भी कई नियम हैं इसे अगर नजरअंदाज किया जाए तो शारीरिक व मानसिक कष्ट भुगतना पड़ सकता है।

कसरत को करने के लिए प्रातः काल का समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। व्यायाम करने से पहले शौच आदि से निवृत हो लेना एक अच्छी आदत मानी जाती है। व्यायाम के पहले नियम के अनुसार यह कभी भी खाली पेट या खाने के कम से कम 3 घंटे बाद किया जाना चाहिए व आधे घंटे पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पिया जा सकता है।

खुले और हवादार जगहों का प्रयोग व्यायाम करने के लिए किया जाता है क्योंकि इस समय सांसे और शारीरिक तापमान अधिक रफ्तार से चढ़ते और उतरते रहते हैं। किसी भी प्रकार के कठिन या सरल व्यायाम करने से पहले शरीर की मांसपेशियों को तान कर ढीला करना चाहिए ताकि एकाएक व्यायाम से उन्हें कोई हानि न हो।

जिन्हें कोई भी शारीरिक और मानसिक व्याधि हो उन्हें व्यायाम करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए।

उपसंहार

पुराने ग्रन्थों मैं कहा गया है कि धन यदि चला जाय तो फिर लौट सकता है या उसके बिना भी मनुष्य जीवित रह सकता है किन्तु स्वास्थ्य के बिना मनुष्य का जीवन निरर्थक बन जाता है क्योंकि रोगी को न तो कोई भोजन और नही कोई आमोद-प्रमोद खुशकर सकताहै । अत: स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है और इसकी रक्षा के लिए व्यायाम करना आवश्यक है । दोस्तों में उम्मीद करता हु की आपको ये vyayam par nibandh जरूर पसंद आया होगा |

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