मेरा भारत महान पर निबंध | Mera Bharat Mahan Essay in Hindi

आज में आपको हमारे भारत देश पर निबंध कहने जा रहा हु. मेरा भारत महान पर निबंध लिखना यही सबसे बड़ी बात है. इससे बड़ा सौभाग्य और क्या होगा की हमें हमे भारत देश पर कुछ कहने का अवसर मिले. में आशा करता हु की आपको यह हमारे मेरा भारत महान पर निबंध के विचार जरूर पसंद आएँगे.

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मेरा भारत महान पर निबंध

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हमारा प्यारा देश भारत अत्यंत प्राचीन संस्कृति वाला महान एंव सुंदर देश है। यह ऐसा पावन एंव गौरमय देश है, जहां देवता भी जन्म लेने को लालायित रहते हैं। हम अपने इस देश को स्वर्ग से भी बढक़र मानते हैं। इस देश की प्रशंसा कविवर प्रसाद ने इन शब्दों में की है.

‘’अरुण यह मधमय देश हमारा
जहां पहुंच अनजान शिक्षित को मिला एक सहारा।

हम सभी नागरिक हमारे देश भारत से बहोत प्यार करते है । हमारे देश मे कई जाती और धर्म के लोग रहते है । लेकिन जब हमारे देश पर कोई आफत या आपदा आ जाए तो हम सब मिलकर उसका सामना करते है । इसीलिए तो पूरे विश्व मे हमारे भारत को विविधता मे एकता का देश कहा जाता है । हमारे देश के कण-कण में एक-दूसरे के प्रति प्रेम बसा हुआ है ।

अनेकता में एकता

भारत अनेकता में एकता का देश है । यहा हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, इस्लाम, पारसी और ईसाई आदि धर्मों के लोग रहते है । इतना ही नहीं, यह सारे धर्म कई प्रकार की जातियों और उप-जातियों में विभाजित है | और इन सबके बाद भी यह लोग कई रंग पंथ रीति-रिवाजों कपड़े, भोजन और त्योहारों मे विभाजित होते है।

भारत में लोग लगभग 200 से भी ज्यादा भाषाएँ बोलते है. लेकिन फिर भी एक होकर रहते है, इसीलिए तो हमारे यहा अनेकता में एकता है। इसीलिए कहा जाता है की, दुनिया के अलग-अलग देशो मे कई धर्म के लोग रहते है । लेकिन इन सभी धर्मों को बढ़ावा देने वाला और रक्षा करने वाला एक ही देश है, भारत।

हमारी भौगोलिक परिस्थितियो मे भी काफी विविधता है। जैसे कई जगह हीमपात तो कई जगह शुष्क रेगिस्तानए कई जगह घने जंगल तो कई जगह मैदान और कई जगह नदी और घाटियों तो कई जगह ऊंचे-ऊंचे पर्वत।
हमारे यहा कई बार अत्यधिक ठंडी तो कई बार अत्यधिक गर्मी होती है । कई बार सूखा तो कई बार अति वर्षा का माहौल हमारी बारिश का है ।

शूरवीरो की भूमि भारत

भारत वीरों की भूमि रही है | यहां महाराणा प्रताप पृथ्वीराज चौहान, छत्रपति शिवाजी महाराज, भगत सिंह, महात्मा गाँधी, चंद्रशेखर आजाद जैसे वीरों ने भी जन्म लिया है, जिन्होंने हमारे देश को विदेशी ताकतों से बचाया और अंत तक इसकी रक्षा की।
ऐसे शूरवीरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना भारत की सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करी । और भारत को अंग्रेज़ जैसे खतरनाक विरोधियो से आज़ाद कराया ।

हमारे भारत देश की संस्कृति

भारत मे ही सबसे पहली संस्कृत भाषा का उद्धव हुआ था। और इसी से मिलकर अन्य भाषाएं बनाई गयी थी। लेकिन हमारे देश की मातृभाषा हिंदी है। भारतीय संस्कृति का मिसाल पूरे दुनिया में दी जाती है, भारतीय संस्कृति सर्वाधिक संपन्न और समृद्ध है, और अनेकता में एकता ही इसकी मूल पहचान है, भारत ही एक ऐसा देश है | यहां पर कई जाति के लोग मिलजुल कर एक साथ रहते हैं, और सभी लोग अपने अपने धर्मों का पालन करते हुए स्वतंत्र रूप से एक जीवन व्यतीत करते हैं। हमारी संस्कृति ने हमे अतिथि देवो भवः सिखाया है। जिसका अर्थ होता है कि अतिथि देवता के समान है यही हम भारतवासियों की संस्कृति है।

इसके अलावा भी भारत शिल्प, नृत्य, संगीत और कला के लिए भी जाना जाता है और देश के सभी त्योहारों को देश के हर धर्म के लोग बड़े उत्साह के साथ और मिल-जुलकर मनाते है । इसीलिए हम सभी भारतवासी अपने देश को स्वर्ग से बढक़र मानते है ।

हमारे पूर्वजो ने हमे अपनी संस्कृति का आदर और उसका सम्मान करना सिखाया है ।

भारत का लोक्तन्त्र

भारत सहित दुनिया के कई देशों में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली लागू इसके साथ ही भारत को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में भी जाना जाता है। हमारे देश का लोकतंत्र संप्रभु समाजवाद धर्मनिरपेक्षता लोकतांत्रिक गणराज्य सहित पांच लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर कार्य करता है। 1947 में अंग्रेजों के औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया गया था। आज के समय में हमारे देश को ना सिर्फ विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में जाना जाता है बल्कि कि इसके साथ ही इसे विश्व के सबसे सफल लोकतंत्रों में से एक लोकतंत्र के रुप में भी जाना जाता है।

विज्ञान क्षेत्र मे हमारा भारत

भारतीय विज्ञान का विकास प्राचीन काल में हुआ। यदि यह कहा जाए कि भारतीय विज्ञान की परम्परा विश्व की प्राचीनतम परम्परा है, तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। जिस समय यूरोप में खानाबदोश जातियाँ अपनी बस्तियाँ स्थापित करना सीख रही थीं | उस समय भारत में सिंधु घाटी के लोग व्यवस्थित तरीके से नगर बसा कर रहने लगे थे।

उस समय तक भवन-निर्माण, धातु-विज्ञान, वस्त्र-निर्माण, परिवहन-व्यवस्था आदि उन्नत दशा में विकसित हो चुके थे। फिर आर्यों के साथ भारत में विज्ञान की परंपरा और भी विकसित हो गई। इस काल में गणित ज्योतिष, रसायन, खगोल, चिकित्सा, धातु आदि क्षेत्रों में विज्ञान ने खूब उन्नति की। विज्ञान की यह परंपरा ईसा के जन्म से लगभग 200 वर्ष पूर्व से शुरू होकर ईसा के जन्म के बाद लगभग 11वीं सदी तक काफी उन्नत अवस्था में थी।

इस बीच आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, बोधायन, चरक, सुश्रुत, नागार्जुन, कणाद से लेकर सवाई जयसिंह तक वैज्ञानिकों की एक लंबी परंपरा विकसित हुई। आज देखा जाय तो जिस देश के पास अच्छी तकनीक और विज्ञान हैए उस देश का विकास आसमानों को छु रहा है। भारत आज दुनिया की महसत्ता कहलाने वाले जैसे देशो को चुनोती दे रहे है ।

भारत की भौगोलिक स्थिति

भारत (1947 से पहले अविभाजित) एशिया का एक बड़ा देश है, जिसके बाकी हिस्सों में उत्तर, उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम में ऊंचे पहाड़ हैं, और बाकी देशों में महासागर हैं। यह एक उपमहाद्वीप की तरह है। पहाड़ों और समुद्र से घिरे, प्रकृति ने इस देश को भौगोलिक एकता दी है।

भारत के पूर्व की और एशियाई महाद्वीप, उत्तर-पश्चिम की और इजरायल, अरब, अफगानिस्तान, ईरान, और इराक जैसे छोटे देश, दक्षिण-पूर्व की और इंडोनेशिया, बर्मा, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देश शामिल है ।

हमारे उत्तर की और दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला यानि हिमालय है । और बाकी तीन दिशाओ मे बड़े-बड़े समुद्र और महासागर है ।

भारत के ऐतिहासिक स्थानो की बात करे तो, दुनिया के सात अजूबो मे हमारा ताजमहल भी शामिल है । पूरी दुनिया के पर्यटक भारत के महान स्मारकों को देखने आते है, जैसे लाल किला, फतेहपुर सीकरी, स्वर्ण मंदिर और कुतुब मीनार ।

अगर नदियो की बात करे तोए भारत एक मात्र एसा देश है जो नदियों को पूजता है । यहां हर जाती और धर्म के लोग नदियों का सम्मान करते है ।भले ही अंग्रेजों ने भारत को लूटकर सोने की चिड़िया से खाली घर बना दिया हो ।लेकिन इसके बाद भी भारत के सुपुत्रो ने अपनी मेहनत, लगन और इमानदारी से भारत को खड़ा किया । और आज भारत ने फिर से सोने की चिड़िया बनने की राह पकड़ ली है ।

प्राकृतिक सौंदर्य

भारत का प्राकृतिक सोंदर्य, भारत का प्राकृतिक सोंदर्य अनुपम और विविध है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत मे प्राकृतिक सोंदर्य के अद्भुत दर्शन होते है। हर प्रदेश अपने अंदर सुंदर प्राकृतिक सोंदर्य को सजोए हुए है। शिमला,मनाली, नैनीताल, कश्मीर, दार्जिलिंग, उंटी, गोवा आदि प्राकृतिक स्थल न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व मे अपने सोंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।

लाखो विदेशी पर्यटक हर साल भारत के प्राकृतिक स्थलों का लुत्फ उठाने आते है। गंगा-यमुना, नर्मदा, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, गोदावरि आदि बड़ी-बड़ी नदियां प्राकृतिक सोंदर्य को बढ़ाने का काम करती है। यहाँ प्राकृतिक विविधता के मनोहारी दर्शन होते है। प्राकृतिक सोंदर्य के अद्भुत नजारे भारत मे देखने को मिलते है। केरल, उत्तरपूर्व, छत्तीश्गढ़ आदि की हरियाली, प्राकृतिक सोंदर्य का एक मनमोहन उदाहरण है। सभी प्रकार से भारत का प्राकृतिक सोंदर्य अलौकिक, अद्भुत और मन को आनंदित करने वाला है। हम भारतवासियों को प्रकृति के इस उपहार को सहेज के रखना चाहिए।

भारतीय जलवायु

जलवायु की दृष्टि से भी हमारा देश विश्व में श्रेष्ठ है। यहां प्रकृति ने छ ऋतुएं दी हैं। वसंत से प्रारम्भ होने वाला ऋतुओं का यह चक्र ग्रीष्म, वर्षा, शरद तथा हेमंत से होता हुआ शिशिर पर समाप्त होता है। इसीलिए राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त ने कहा है कि घट् ऋतुओं का विविध दृश्य युत अदभुत है |

हरियाली का फर्श मखमल से कम नहीं
शुचि सुधा सींचती है रात में चांदनी है तुम पर,
हे मातृभूमि, दिन में तरणि, करता तम का नाश है।

विश्व का कोई भी ऐसा देश नहीं है जहां हमारे देश की तरह संतुलित जलवायु हो। भारत ही एक ऐसा राष्ट्र है जहां ज्यादा गर्मी भी पड़ती है तो शरद ऋतु में ठंड भी अधिक पड़ती है। वर्षा ऋतु में बारिश भी जमकर होती है। वर्ष भर का वातावरण छरू ऋतुओं में विभक्त है।

भारत एक प्रगतिशील देश

हमारे देश की भूमि उपजाऊ है। यहां पर 75 प्रतिशत भारतीय कृषि करते हैं। यहां कुटीर उद्योग उन्नति पर हैं। औद्योगिक उत्पादन प्रगति पर है। इस समय यहां से कपास सनचावल, मसाले, तिलहन, चमड़ा, ऊनसिलाई की मशीनें और साइकिलें सूती कपड़ा, सोना, चांदी, तांबा, कांच की वस्तु, रेशमी वस्त्र, दवाइयां और मशीनें निर्यात की जाती हैं।

हमारे देश भारत की सात पंचवर्षीय योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं और आठ पंचवर्षीय योजना चालू है। पंचशील, और ‘सह-अस्तित्व में हम भारतीयों की पूर्ण आस्था है। हमारे राष्ट्र ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, उद्योग, विज्ञान एवं परमाणु शक्ति आदि क्षेत्रों में आशातीत प्रगति की है। आज हमारे देश की गणना परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों में होती है।

हमारा देश परमाणु शक्ति का प्रयोग मानव जाति के संहार के लिए नहीं बल्कि मानव जाति की भलाई के लिए कर रहा है। भारत हमेशा विश्व में सुख और शांति बनाए। रखने का पक्षधर रहा है। वह विश्व के सभी राष्ट्रों को स्वतंत्र देखना चाहता है। अंतर्राष्ट्रीय जगत में भारत गुटनिरपेक्षता की नीति का सूत्रधार एवं पक्षधर रहा है।

हमारे देश की सर्वजन सुखाय व सर्वजन हिताय की भावना में दृढ़ विश्वास है और मानव-मानव में सद्भाव व प्रेम संचार करने में प्राचीन काल से ही कार्यरत है। परोपकार, त्याग के जितने सुन्दर उदाहरण हमारे महापुरुषों के मिलते हैं, शायद ही किसी अन्य राष्ट्र के मिलें। भगवान श्री राम, श्री कृष्ण, महावीर, बुद्ध, महर्षि दधीचि आज संपूर्ण मानव जाति के लिए आदरणीय व पूजनीय हैं।

इनके अतिरिक्त प्रतापी सम्राट विक्रमादित्य, चन्द्रगुप्त मौर्य, अशोक, अकबर तथा शिवाजी जैसे सम्राट तथा रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु चन्द्रशेखर आजाद जैसे महान स्वाधीनता स्वतंत्रता सेनानी भी हमारे ही देश में पैदा हुए हैं।
इस पृथ्वी पर किसी विशेष भू-भाग को जिसका अपना संविधान हो, जिसकी अपनी संस्कृति हो देश कहा जाता है।

प्रत्येक देश अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं का अनुसरण करते हुए उन्नति के पथ पर आगे बढ़ता है । किसी भी देश की मूल संस्कृति उस देश के नागरिकों के आचरण, उनके पर्व, त्योहारों में स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। हमारा देश भारत एक प्राचीन देश है और इसकी प्राचीनता यहाँ की संस्कृतिए परम्पराओं और यहाँ स्थित प्राचीन मंदिरों मस्जिदों इत्यादि में स्पष्ट दिखाई देती है।

में आशा करता हु की आपको ये मेरा भारत महान पर निबंध जरूर पसंद आया होगा.

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