आज में आपको आतंकवाद के ऊपर थोड़ी बहोत बाते आतंकवाद पर निबंध (Aatankwad Par Nibandh) के जरिए करूँगा. में उम्मीद करता हु की आपको ये Aatankwad Par Nibandh पढके जानकारी अच्छी खासी मिलेगी. अगर ये आतंकवाद पर निबंध कब बारे में जानकारी आपको पसंद आए तो आप एक बारे ये Bhrashtachar essay in hindi भी पढ़े.
आतंकवाद पर निबंध (Aatankwad Par Nibandh)

आतंकवाद लगभग सभी देशों में फैला हुआ है आतंकवाद बहुत ही ज्यादा खराब है इसमें लोगों को मारा जाता है और उनसे अपने मन मुताबिक काम कराया जाता है आतंकवाद सरकार को भी गिराने का काम करती है जिससे देश की शांति भंग होती है।
आतंकवाद क्या है ?
आतंकवाद की कोई परिभाषा नही हैं परन्तु जितना हम इसके बारे में समझते हैं तो इसे ऐसे शब्दों से परिभाषित करते हैं की यह एक हिंसात्मक घटना हैं। अगर कोई व्यक्ति विशेष या कोई संगठन अपने निजी स्वार्थ और फायदे के लिए लोगों पर निशाना साधे और उन्हें कमजोर बनाने की कोशिश करे वह घटना आतंकवाद की घटना कहलाती हैं।
गैर सरकारी संगठनो द्वारा अपने राजनितिक और सामाजिक फायदे के लिए किये गये कार्य आतंकवाद की श्रेणी में आते हैं। अब इसके तहत गैर-कानूनी हिंसा को भी आतंकवाद में शामिल कर लिया गया है। अगर इसी प्रकार की गतिविधि आपराधिक संगठन चलाने या उसे बढ़ावा देने के लिए की जाती है तो सामान्यतः उसे भी आतंकवाद माना जाता है। यद्यपि, इन सभी कार्यों को आतंकवाद का नाम दिया जा सकता है। कुछ मतों के अनुसार आतंकवाद पन्थ से नही जुडा है। यह सही है दुनिया के अधिकतर से देश आतंकवाद से ग्रसित है।
आंतकवाद की समस्या के कुछ मुख्य कारण
बन्दूक, मशीन गन, तोपें, एटम बोम, हाईड्रोजन बम, परमाणु हथियार, मिसाइल आदि का अधिक मात्रा में निर्माण होना.
आबादी का तेजी से बढ़ना
राजनैतिक, सामाजिक, अर्थव्यवस्था
देश की व्यवस्था के प्रति असंतुष्ट
शिक्षा की कमी
गलत संगति
बहकावे में आना
आतंकवाद के इसके अलावा बहुत से कारण हो सकते है. आजकल अपनी बात को मनवाने व सही साबित करने के लिए आतंकवाद को ही पहला हथियार बनाया जाता है. आतंकवादी के अंदर समाज, देश के प्रति विद्रोह, असंतोष होता है. भ्रष्टाचार, जातिवाद, आर्थिक विषमता, भाषा का मतभेद ये सब आतंकवाद के मूल तत्व है, इन्ही के बाद आतंकवाद पनपता है. हिन्दू-मुसलमान जाति के बीच के दंगे सबसे प्रसिद्ध है, ऐसी और जाति के बीच मतभेद होने से आतंकवाद आता है. गुजरात में हुआ गोधरा कांड, खालिस्तान की मांग आदि सब क्षेत्रवाद के चलते हुए दंगे है. पैसे कमाने की जल्दी में भी लोग आतंकवाद का हाथ थाम लेते है और गलत काम करके रातों रात अमीर बन जाते है.
विश्व की प्रमुख आतंकवाद घटनायें
हम कह सकते हैं कि पिछले दो दशकों में आई एस आई समर्थित आतंकवाद, जो पहले पंजाब और जम्मू कश्मीर तक सीमित था, वह भारत के अन्य क्षेत्रों में भी फैल गया है। इसमें से कुछ प्रमुख घटनाएं निम्नलिखित हैं:
- 1993 में मुम्बई में हुए बम विस्फोट जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए।
- ब्रह्मपुत्र मेल ट्रेन बम विस्फोट जिसमें 33 लोग मारे गए।
- तालिबान की लगातार मदद से हरकत-उल-मुजाहिदीन द्वारा एयर इंडिया के जहाज ए आई-814 का अपहरण
- श्री लाल कृष्ण अडवानी को लक्ष्य बना कर 1998 में कोयंबटूर में उनकी चुनाव रैली में बम विस्फोट जिसमें 58 लोग मारे गए और 200 लोग घायल हुए।
- 2000 में लाल किले पर हमला।
- 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला ।
- 13 दिसम्बर 2001 को लश्कर-ए-तयैबा और जैश-ए-मोहम्मद द्वारा भारतीय संसद पर हमला किया गया।
- लश्कर-ए-तयैबा और जैश-ए-मोहम्मद के द्वारा गुजरात में अक्षरधाम मंदिर पर भी हमला किया गया।
- 2003 में मुम्बई में अलग-अलग हमलों में 68 लोग मारे गए।
- 2005 में दिवाली से दो दिन पहले दिल्ली में हुए बम विस्फोटों में 70 लोग मारे गए।
- 2006 में लश्कर-ए-तयैबा द्वारा किए गए विस्फोटों में 209 लोग मारे गए।
- 2006 में मालेगांव में राइट विंग आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में 37 लोग मारे गए।
- 2007 में इंडियन मुजाहीदिन द्वारा लखनऊ, फैजाबाद और बनारस में अदालत परिसरा में किए गए आक्रमण।
- 2007 में राइट विंग के आतंकवादियों द्वारा समझौता एक्सप्रेस और अजमेर शरीफ विस्फोट किया गया।
- 2007 में रामपुर में सीआरपीएफ कैम्प पर हमला।
- 2008 में इंडियन मुजाहीदिन द्वारा जयपुर, बंगलोर, अहमदाबाद और दिल्ली में किए गए विस्फोट जिसमें 115 लोग मारे गए।
- 2010 में आई एम द्वारा पुणे में जर्मन बेकरी में किए गए बम विस्फोट, जिसमें 17 लोग मारे गए।
- 2011 में आई एम द्वारा मुम्बई में किए गए सिरियल बम विस्फोटों में 26 लोग मारे गए।
- 2011 में आई एम द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय पर किए गए हमले में 12 लोग मारे गए।
- 2013 में आई एम द्वारा हैदराबाद में किए गए बम विस्फोटों में 16 लोग मारे गए।
- 2013 में आई एम द्वारा बोध गया में किए गए विस्फोट |
- 2014 में पटना चुनावी सभा में विस्फोट |
- मार्च 2015 में जम्मू हमला जिसमें 6 लोग मारे गए।
- जलाई 2015 में गुरदासपुर हमला जिसमें 10 लोग मारे गए।
- जनवरी 2016 में पठानकोट हमला जिसमें 7 लोग मारे गए।
- जून 2016 में पंपोर (कश्मीर) में सीआरपीएफ काफिले पर हमला जिसमें 8 सीआरपीएफ जवान मारे गए।
इसके साथ ही 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर भारत के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानो की बस पर हमला हुआ जिसमें 40 जवान शहीद हो गए।
भीतरी आतंकवाद को भी कई बार सीमा पार से पड़ोसी देशों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। इसलिए इन्हें विदेशी आतंकवाद माना जा सकता है।
1971 की लड़ाई में हारने के बाद से भारत में खून-खराबा करवाना पाकिस्तान की नीति का एक भाग हो गया है। इससे उसकी भारत के साथ में परम्परागत युद्ध करने की अक्षमता जाहिर होती है।
आतंकवादियों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण और हथियार आदि दिए जाते हैं और उसके बाद उन्हें नियंत्रण रेखा या नेपाल के रास्ते भेजकर भारत में घुसपैठ करा दिया जाता है।
आतंकवाद की समस्या के समाधान के उपाय
आतंकवाद को नियंत्रित करने के हर संभव प्रयास पिछले कुछ सालों से किये जा रहे है. लेकिन कुछ देशों में अभी भी गुप्त रूप से टेररिस्ट ट्रेनिंग के कैम्प खुलेआम चल रहे है. धार्मिक फंड के नाम पर कई बड़े देश इन्हें चोरी छिपे फंडिग कर रहे है. इससे आतंकवादियों के हौसलें बुलंद है.
यह कितने खतरनाक साबित हो सकते है. इस बात का अनुमान लगाने के लिए आप समझ सकते है, आज के परमाणु युग में जो तकनीक कई विकसित राष्ट्रों के पास नही है, वो आज इन आतंकवादी संगठनो के पास है. धर्म के नाम पर चल रहा आतंकवाद का यह खुनी खेल दुनिया को तबाह कर रख देगा. यदि दुनिया के शक्तिशाली देश समय रहते इसके विरोध में नही आए तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते है.
निष्कर्ष
आतंकवाद को रोकना बहुत जरूरी है। आतंकवाद को खत्म करने के लिए हमें अपने देश को मजबूत करना होगा और अपने युवाओं को आज एक अच्छी सोच के साथ अच्छे रास्तों को दिखाना होगा जिससे कि वह आतंकवाद के खिलाफ कड़ी से कड़ी योजनाएं बना सके और आतंकवाद को अपने देश के अंदर ना आने दे।
तो दोस्तों में आशा करता हु की ये Aatankwad Par Nibandh के बारे जानकारी पढके आपको कुछ जानने मिला होगा.