मेरा प्रिय मित्र पर निबंध | My best Friend Essay in Hindi

दोस्तों आज में आपको मेरा प्रिय मित्र पर निबंध पर कुछ शब्द केहना चाहता हु. दोस्त हमारे जीवन का एक एसा किरदार है जो हमेशा हर चीज में चाहे वो अच्छी हो या बुरी लेकिन हमारे साथ ही होता है. इसी दोस्त के किरदार को आज में अपने मुताबिक़ आपके सामने रखुगा. में आशा करता हु की आपको यह जरूर पसंद आएगा. अगर आपको ये मेरा प्रिय मित्र पर निबंध पसंद आए तो आप एक बार ये मेरी माँ पर निबंध भी पढ़े.

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध 300 शब्द

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मेरे पास मेरे बचपन से बहुत सारे दोस्त हैं लेकिन रुषि मेरी हमेशा के लिये मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। वो अपने माता-पिता के साथ मेरे घर के बगल के अपार्टमेंट में रहती है। वो एक प्यारी और स्वाभाव से मददगार लड़की है। जीवन में सही दिशा पाने और आगे बढ़ने के लिये हम सभी के लिये सच्ची दोस्ती की बहुत ज़रुरत है। अच्छा और सच्चा दोस्त पाना बहुत कठिन कार्य है हालांकि कुछ भाग्यशाली लोग इसे पाते हैं।

वो मेरे सभी दोस्तों में पहली ऐसी व्यक्ति है जिससे मैं अपनी सभी भावनाओं को बाँट सकता हूँ। वो स्वाभाव से बहुत अच्छी है और सभी की मदद करती है। वो क्लास मॉनिटर है और सभी क्लास के शिक्षक उसे पसंद करते हैं। वो खेल और पढ़ाई में बहुत अच्छा प्रदर्शन करती है। उसका व्यक्तित्व बहुत अच्छा है और ज़रुरतमंद लोगों की मदद करना उसे बहुत पसंद है।

वो सभी के लिये स्वाभाव से बहुत दोस्ताना है और जोशीले तरीके से मिलती है। वो सकारात्मक सोचती है और हर समय मुझे प्रेरित करती है। वो बहुत विनम्रता से बात करती है और कभी-भी मुझसे और दूसरों से नहीं लड़ती है। वो कभी झूठ नहीं बोलती और अच्छा व्यवहार करती है। वो बहुत मजकिया इंसान है और जब कभी-भी हम लोग दुखी होते हैं तो वो मजाकिया चुटकुले और कहानियाँ सुनाना बहुत पसंद करती है। वो एक सहानुभूतिशील मित्र है और हमेशा मेरा ध्यान रखती है। अपने जीवन में कुछ भी कठिन करने की उसके पास क्षमता है और मैं हमेशा उसकी हर छोटी-बड़ी उपलब्धियों पर उसकी सराहना करता हूँ। वो स्कूल की बहुत प्रसिद्ध विद्यार्थी है क्योंकि वो पढ़ाई, खेल और दूसरी गतिविधियों में बहुत अच्छी है।

वो क्लास टेस्ट और मुख्य परीक्षा में हमेशा सबसे अधिक अंक लाती है। परीक्षा के समय वो किसी भी विषय को बहुत आसानी से समझाती है। उसके पास बहुत अच्छी अवलोकन शक्ति और कौशल है। जब भी शिक्षक क्लास में कुछ समझाते हैं वो उसको बहुत तेजी से समझती है। वो बहुत अच्छी फुटबॉल खिलाड़ी है और स्कूल और जिला स्तर के कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कार भी जीता है।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध 500 शब्द

सच्चा मित्र मिल जाने पर जीवन की राह आसान हो जाती हैं.एक सच्चा मित्र व्यक्ति को सदैव सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करता हैं. वह उसके लिए आवश्यकता पड़ने पर हर प्रकार की कुर्बानी देने को भी तैयार रहता हैं.

इसलिए कई बार लोग परिवार के सदस्यों से भी अधिक अपने मित्र को महत्व देते हैं. अच्छा मित्र सुख हो या दुःख हमेशा साथ देता हैं. उसमें किसी प्रकार का लोभ एवं कपट नहीं होता हैं. वह हमेशा अपने मित्र का भला सोचता हैं.

मेरे कई मित्र हैं. उन सभी ने आवश्यकता पड़ने पर मेरी यथासम्भव मदद भी की हैं. उनमें अधिकतर मेरे प्रिय मित्र हैं. और मेरे ऐसे मित्र के नामों की सूची काफी लम्बी हैं.

इनमें से कौन मेरे लिए सर्वाधिक प्रिय हैं, इसका निर्णय करना काफी मुश्किल हैं. इनमें से किसी एक का नाम मैं अपने प्रिय मित्र के रूप में लेकर अन्य सभी को नाराज नहीं करना चाहता.

सभी ने जिन्दगी के किसी न किसी मोड़ पर मेरा साथ अवश्य दिया हैं. फिर भी मेरे इन मित्रों में से एक ऐसा भी हैं, जिसकी मित्रता पर मुझे बहुत गर्व होता हैं. इसलिए नहीं कि आवश्यकता पड़ने पर वह मेरा साथ देता हैं बल्कि इसलिए कि वह एक अच्छा इंसान भी हैं.

इसलिए यदि मैं अपना नाम अपने प्रिय मित्र के रूप में लूँगा, तो मुझे विश्वास हैं कि मेरे अन्य किसी मित्र को मुझसे किसी प्रकार की नाराजगी नहीं होगी.

जॉन कृष्ण खान सिंह मेरा सर्वाधिक प्रिय एवं आदर्श मित्र हैं, जैसा कि उसके नाम से ही पता चल जाता हैं, वह सभी धर्मों का सम्मान करता हैं एवं सभी धर्मों को त्योहारों को भी मनाता हैं.

इस तरह वह विभिन्न धर्मों के बीच भाई चारे की जीती जागती मिसाल हैं. मैंने उससे एक दिन उसके धर्म के बारे में पूछा तो उसने बताया कि मानवता मेरा धर्म हैं और कर्म मेरी पूजा.

यदि मैं लोगों के काम आ सका तो समझूंगा मैंने सफलता प्राप्त कर ली हैं. उसे समाज सेवा अत्यधिक प्रिय हैं. अतः इसी को अपने जीवन का लक्ष्य बनाने के लिए उसने स्नातक के बाद समाज सेवा में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की.

इसके बाद वह एक गैर सरकारी संगठन में कार्य करने लगा. वह प्रतिदिन गरीब बस्तियों में जाकर गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाता हैं. इसके अतिरिक्त वह उन बस्तियों में साफ़ सफाई करने के लिए अपने साथियों का हाथ भी बंटाता हैं.

जॉन कृष्ण खान सिंह काफी लम्बा नाम हैं. इसलिए उसके गुणों के अनुरूप मैंने उसका नाम मानव रखा. और मैं उसे इसी नाम से बुलाता हूँ.

अपने मित्र को कुसंग से बचाना विपत्ति के समय उसकी सहायता करना, विपत्ति के समय उसकी सहायता करना एवं सांत्वना एवं सहानुभूति देना इत्यादि एक सच्चे मित्र के कर्तव्य के अंतर्गत आते हैं.

मानव जब सारी दुनिया के लिए समाज सेवा के लिए तत्पर रहता हैं, तो भला अपने मित्र का साथ कैसे नहीं देगा. जीवन में जब कभी मैं गलत रास्ते पर चला जाता हूँ, वह मुझे सही रास्ते पर लाया हैं.

जब कभी मैं दुखी रहा हूँ, उसने मेरी सहायता कर मुझे उससे उबारा हैं. इस तरह जीवन के हर मोड़ पर उसने मेरा साथ एक आदर्श एवं सच्चे मित्र के रूप में दिया हैं.

जीवन की भागदौड़ में एक मित्र का होना बहुत आवश्यक हैं. प्रायः देखा जाता हैं कि पारिवारिक जीवन में भी स्वार्थ का समावेश होने के कारण रिश्तों में दरार आ जाती हैं. किन्तु एक मित्रता ऐसा अटूट बंधन हैं, जो दुनियावी स्वार्थों से परे हैं.

मानव के साथ मेरी मित्रता भी ऐसी ही हैं. अंग्रेजी में कहा गया हैं ए फ्रेंड इन नीड, इज फ्रेंड इंडीड अर्थात जो जरूरत के समय साथ दे वही सच्चा मित्र हैं. मानव इस पैमाने पर बिलकुल खरा उतरता हैं.

मेरे इस मित्र ने आवश्यकता पड़ने पर हमेशा मेरा साथ दिया हैं. मित्रता में धन, योग्यता या किसी अन्य चीज को पैमाना नहीं बनाया जाता, जिससे विचार मिलते हैं. प्रायः उससे ही मित्रता होती हैं.

मानव और मेरे विचार बहुत मिलते हैं. इसलिए हम दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगता हैं. मित्रता एक ऐसा अभिनव रिश्ता हैं. जो अन्य रिश्तों की भांति थोपा नहीं जाता. अपनी सुविधा एवं रूचि के अनुसार देख परख कर मित्र चुनने की स्वतंत्रता होती हैं.

यह एक ऐसा बंधन हैं. जो दो दिलों, दो मनों को जोड़ता हैं और, इसी के आधार पर वे एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. बचपन के मित्रों की याद प्रायः सभी को जीवन भर आती हैं, क्योंकि बचपन की मित्रता में किसी प्रकार का कोई स्वार्थ नहीं रहता.

मानव मेरे बचपन का मित्र तो नहीं है, किन्तु उसकी मित्रता पर गर्व हैं और जीवन के किसी मोड़ पर यदि उसके लिए मुझे किसी प्रकार की कोई कुर्बानी देने की आवश्यकता पड़ी तो मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा.

में आशा करता हु की आपको ये मेरा प्रिय मित्र पर निबंध जरूर पसंद आया होगा.

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