बाघ पर निबंध | Tiger Essay in Hindi

शेर जगंल राजा जरूर है लेकिन इसका मतलब ये नहीं की बाघ सिपाही हो गया. आज हम आपको बाघ पर निबंध के बारे में कहेंगे. बाघ पे काले पट्टे होते है जो शक्ति, हिम्मत को प्रदर्शित करते है. इसीके साथ साथ शेर सिर्फ गुजरात के गिर जंगलो में पाए जाते है जबकि बाघ भारत के कई राज्यों में पाए जाते है. इसीलिए बाघ को राष्ट्रीय जानवर कहते है. आगे और जान्ने के लिए बाघ पर निबंध जरूर पढ़े. अगर आपको ये बाघ पर निबंध पसंद आए तो आप एक बार ये ऊंट पर निबंध भी पढ़े.

बाघ पर निबंध(Tiger essay in hindi)

बाघ-पर-निबंध-Tiger-Essay-in-Hindi

बाघ एक राष्ट्रीय जानवर है। बाघ को सभी खतरनाक जानवरों में से एक माना जाता है। बाघ एक मांसाहारी पशु है। यह बिल्ली के परिवार के अन्तर्गत आता है। यह बिल्ली के परिवार के सबसे बड़े जानवर के रुप में जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथर टाइग्रिस है।

बाघ का रंग पीला होता है। कुछ प्रदेशों में सफेद बाघ भी पाए जाते हैं। बाघ के शरीर पर काली रंग की धारियाँ होती हैं। बाघ एक ताकतवर प्राणी है। उसका शरीर लंबा और गठीला होता है। उसके दाँत नुकीले और पंजों के नाखून तेज होते हैं। उसकी पूँछ लंबी होती है।

बाघों की लगभग आठ प्रजातियाँ होती हैं और भारतीय प्रजाती को रॉयल बंगाल टाइगर कहा जाता है। बाघ लगभग पूरे देश में पाए जाते हैं। प्रोजेक्ट टाइगर अभियान को शुरु करने के कुछ वर्ष बाद ही, भारत में बाघों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। 1993 की बाघों की जनगणना के अनुसार, देश में बाघों की कुल संख्या लगभग 3,750 थी। प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत लगभग पूरे देश में 23 संरक्षण केन्द्रों की स्थापना की गई थी। पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है।

वह अँधेरे में भी देख सकता है। बाघ पानी में अच्छी तरह तैर सकता है। वह जंगली जानवरों का शिकार करता है। बाघ लम्बी दूरी तक छलांग लगा सकता है। मादा बाघ को बाघिन कहते है। बाघ दहाड़ता है। बाघ को जंगल का राजा भी कहा जाता है। बाघ दिन में सोता है और रात में शिकार करता है। बाघ बहुत तेज दौड़ता है। से बहुत अधिक दूरी से अपने शिकार को पकड़े के लिए प्राकृतिक रुप से मजबूत जबड़े, दाँत और तेज पंजे प्राप्त है। यह माना जाता है कि, इसकी लम्बी पूँछ, शिकार के पीछे भागते हुए इसका नियंत्रण बनाए रखती है।

नर बाघ जन्म के चार से पाँच साल बाद परिपक्व होते हैं, जबकि मादा तीन से चार साल की आयु में परिपक्व हो जाती हैं। गर्भावस्था अवधि 95 से 112 दिन की होती है और एक बार में एक से छह बच्चों को जन्म दे सकते है। युवा पुरुष अपनी मां के क्षेत्र को छोड़ देते हैं जबकि महिला बाघ उसके करीब क्षेत्र में ही रहती हैं। भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।

प्रोजेक्ट टाइगर भारतीय सरकार के द्वारा चलाया जाने वाला अभियान है। यह अभियान भारत में बाघों की संख्या को बढ़ाने और उन्हें सुरक्षित करने के लिए शुरु किया गया है। इस अभियान की शुरुआत सन 1973 में बाघों को विलुप्त होने के संकट से बचाने के लिए की गई थी। यह योजना देश में बचे हुए बाघों को सुरक्षित करने के शुरू की गयी थी। पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है।

भारतीय संस्कृति में बाघ हमेशा प्रमुख स्थान पर रहा है। इसीलिए भारतीय सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। राष्ट्रीय पशु के रूप में एक उचित महत्व प्रदान करने के लिए रॉयल बंगाल बाघ को भारतीय मुद्रा नोटों के साथ-साथ डाक टिकटों में भी चित्रित किया गया है।

बाघों की लगभग आठ प्रजातियाँ होती हैं उनमें से छह प्रजाति अभी जीवित है जिनमें बंगाल टाइगर, साइबेरियन बाघ, सुमनत्रन बाघ, मलयान बाघ, ईडो-चाइनीज़ बाघ और दक्षिणी चीनी बाघ पाई जाती है। हाल ही में तीन प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं जो जवन टाइगर, कैस्पियन टाइगर और बाली टाइगर है। और भारतीय प्रजाती को रॉयल बंगाल टाइगर कहा जाता है।

बाघ लगभग पूरे देश में पाए जाते हैं। प्रोजेक्ट टाइगर अभियान को शुरु करने के कुछ वर्ष बाद ही, भारत में बाघों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। बाघ को हम चिड़ियाघर में देख सकते हैं। बाघ को हम सर्कस में भी देख सकते है।

में उम्मीद करता हु की आपको ये बाघ पर निबंध(tiger essay in hindi) जरूर पसंद आया होगा.

Leave a Comment