आज में आपको ग्रीष्म ऋतु पर निबंध के बारे में कहूँगा. में आशा करता हु की आपको ये ग्रीष्म ऋतु पर निबंध जरूर पसंद आएगा.अगर आपको ये ग्रीष्म ऋतु पर निबंध पसंद आए तो आप एक बारे ये वसंत ऋतु पर निबंध भी पढ़े.
ग्रीष्म ऋतु पर निबंध
साल में चार मौसम होते हैं और इन चारों मौसम में सबसे गर्म गर्मी का मौसम होता है। भारत में छ: ऋतुएँ होती हैं जो एक के बाद एक आती रहती हैं। उन छ: ऋतुओं में से एक ग्रीष्म ऋतु होती है। जब बसंत ऋतु समाप्त होती है तब ग्रीष्म ऋतु आती है। ग्रीष्म ऋतु ग्रीष्मकालीन संक्रान्ति के दौरान शुरू होती है। ग्रीष्म ऋतु शीत ऋतु के आरंभ होने पर समाप्त हो जाती है। दक्षिणी और उत्तरी गोलार्ध एक दूसरे की विपरीत दिशा में होते हैं जिसकी वजह से अगर एक गोलार्ध में गर्मी होती है तो दूसरे गोलार्ध में सर्दी होती है। जीवन में एक तरह की वस्तु की वजह से नीरसता आ जाती है।

एक तरह के अच्छे से अच्छे भोजन को खाते रहने से भी कुछ दिन बाद नीरसता आने लगती है। भोजन में अलग-अलग तरह के रसों और स्वादों का होना जरूरी होता है। इसी तरह जीवन को स्वस्थ और आनंदित बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की ऋतुओं का होना जरूरी होता है।
ग्रीष्म ऋतु की विशेषताएं
हर ऋतु की अपनी-अपनी अलग विशेषताएं होती हैं। ग्रीष्म ऋतु अपनी गर्मी से भले ही हमें परेशान करता हो लेकिन यह हमारे पर्यावरण के लिए के लिए जरुरी है। फलों का राजा आम हमें इसी मौसम में खाने को मिलता है इसके अलावा लीची, तरबूज, ककड़ी, खरबूज जैसे स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट फल भी हमें इसी मौसम में मिलते हैं। गर्मी के आने से जमीन में रहने वाले जहरीले कीटाणु भी मर जाते हैं। कहा जाता है की जिस वर्ष तेज गर्मी पड़ती है उस साल बारिश भी अच्छी होती है।
प्राकृतिक जीवन या अवस्था
ग्रीष्म ऋतु में प्रकृति बसंत ऋतु और वर्षा ऋतु के विपरीत होती है। इस काल की प्रकृति बिलकुल नीरस और शुष्क होती है। सूर्य की गर्मी सीमा पार कर जाती है। धूप ऐसी मालूम होती है, मानो आग की वर्षा हो रही है। धरती, हवा, जल सभी आग की भट्ठी की भाँति तपने लगते हैं। नदी-नालों, तालाबों और कुओं के जल सूख जाते हैं। घास के मैदानों, खेतों, बाग-बगीचों की हरियाली गायब हो जाती है। चारों ओर का वातावरण शुष्क, नीरस और वीरान हो जाता है। लू के गर्म झोंकों से प्रकृति सूखने लगती है। मनुष्य, पशु-पक्षी सभी गर्मी से बेचैन हो जाते हैं। सभी प्राणी छाया की शरण के लिए छटपटाने लगते हैं। हमेशा प्यास लगी रहती है। गर्मी की दोपहरी में बाहर निकलना कठिन होता है। इस ऋतु में आम, जामुन, कटहल तरबूज, खरबूजा, खीरा, लीची आदि फल बहुतायता से पाए जाते हैं।
ग्रीष्म ऋतु के लाभ
गर्मी से मनुष्य जीवन को बहुत लाभ होते हैं। अगर गर्मी अच्छी पडती हैं तो वर्षा भी बहुत अच्छी होती है। गर्मी की वजह से ही खाना पकता है और खाने के योग्य बनता है। ग्रीष्म ऋतु में गर्मी की वजह से विषैले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। इस ऋतु में आम, लीची आदि अनेक रसीले फल भी मिलते हैं। इन फलों का स्वाद ही निराला होता है। गर्मी के दिनों की वजह से जगह-जगह पर शरबत, लस्सी, पेप्सी, ठंडा पानी आसानी से सडकों पर मिल जाता है। गर्मी के दिनों में सभी लोग ठंडी कुल्फी खाना पसंद करते हैं और इन दिनों में लोगों को कुल्फी आसानी से प्राप्त हो जाती है।
ग्रीष्म ऋतु से हानि
गर्मी में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि पसीने से लथपथ होना, लू लगना, शरीर में पानी की कमी हो जाना आदि। गर्मी के मौसम में लोगों का बाहर आना जाना बहुत ही कम हो जाता है क्योंकि जैसे-जैसे दिन बढ़ता जाता है तामपान भी वैसे-वैसे ही बढ़ता जाता है। इस मौसम में होने वाली भयावह गर्मी के कारण लोग काम करने से भी कतराते हैं। जो लोग ठंड के दिन में एक बार भी नहीं नहाते उनको ये गर्मी दिन भर में चार-पांच बार नहाने पर मजबूर कर देता।
अब तो आप समझ ही गए होंगे ये गर्मी हमसे क्या-क्या नहीं करती। कुछ वैज्ञानिक का कहना है की मनुष्य द्वारा उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के कारण ही गर्मी का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इस मौसम में तेज गर्मी और धुप पड़ती है और यही इस मौसम की सबसे बड़ी हानि है। चिलचिलाती धुप और तेज गर्मी की वजह से हमारे शरीर से पसीना बहता है। नदी, तालाब, झरने, कुएं और पानी के अन्य स्त्रोत गरमी की वजह से सूख जाते हैं। हम मनुष्यों के अलावा अन्य जीव-जंतु और पेड़ पौधे भी इस गर्मी से परेशान हो जाते हैं। तेज धुप में लू की हवाएं चलती हैं जिससे घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। हमारे शरीर से गर्मी की वजह से पसीना निकलने लगता है। शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे बार-बार प्यास लगता है। पशु-पक्षी भी तेज गर्मी से परेशान हो जाते हैं।
निष्कर्ष
हर ऋतु की अपनी-अपनी विशेषता और अपना-अपना महत्व होता है। ग्रीष्म ऋतु गरीबों के लिए वरदान होती हैं वे जहाँ भी चाहते हैं सो जाते हैं। अमीर लोगों के लिए गर्मी का मौसम कम आकर्षक होता है। मनुष्य भगवान का बनाया हुआ एक सबसे बुद्धिमान प्राणी है।
हमें हमेशा बढ़ते तापमान के बारे में विचार करने के साथ-साथ उस पर सकारात्मक रूप से कार्य भी करना चाहिए। हमें गर्मी में भी आराम देने वाले साधनों के माध्यम से इस मौसम का आनंद उठाना चाहिए हमें किसी भी तरह से सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
हमें सीमा में रहकर इस मौसम का आनंद लेना चाहिए और हमेशा ही पानी और बिजली की बचत करनी चाहिए। हमें कभी भी बिजली और पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए क्योंकि इस धरती पर साफ पानी बहुत ही कम मात्रा में है और बिजली के अनावश्यक प्रयोग से भी ग्लोबल वार्मिंग बढती है। हमें हमेशा इसके लिए प्रयोग करने चाहिएँ।
तो दोस्तों में आशा करता हु की आपको ये ग्रीष्म ऋतु पर निबंध जरूर पसंद आया होगा.